" धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय। माली सीचे सौ घड़ा, रितु आये फल होय।" "बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय। जो दिल ढूँढा आपना, मुझसे बुरा ना कोय।" "जो बड़ेंन को लघु कहे, नहीं रहीम घट जाए। गिरिधर मुरलीधर कहे, कछु दुःख मानत नाय।" "कमला थिर न रहीम कही, यह जानत सब कोय। पुरुष पुरातन की वधु, क्यों ना चंचला होय।" " रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय। टूटे से भी ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाय।" "साईं इतना दीजिये जा में कुटुम्भ समाय। मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु ना भूखा जाय।" " पूत कपूत तो क्यों धन संचय। पूत सपूत तो क्यों धन संचय।" "आवत ही हर्षे नहीं नैनन नहीं सनेह। तुलसी तहाँ ना जाइए कंचन बरसे मेह।" " जब काल मनुज पर छाता है। पहले विवेक मर जाता है।" "पत्थर पूजे तो हरी मिले, तो मैं पूजूं पहर, उससे तो चक्की भली जो पिस खाए संसार।" "“तीन चीजें अधिक समय तक नहीं छुपी रह सकती: सूरज, चंद्रमा और सत्य। ” " कंकर पत्थर जोड़ के मस्जिद दियो बनाये, ता पर ...
Hindi works and my interpretations on their relevance.....